Tuesday, 5 April 2016

परम पुनीत भरत आचरनू | मधुर मंजू मुद मंगल करनू||

परम पुनीत भरत आचरनू | मधुर मंजू मुद मंगल करनू ||
हरन कठिन कलि कलुष कलेसू | महामोह निसि दलन दिनेसू ||

भरत जी का परम पवित्र आचरण ( चरित्र ) मधुर, सुन्दर और आनंद मंगलों का करनेवाला है |
कलियुग के कठिन पापों और क्लेशोंको हरनेवाला है | महामोहरुपि रात्रिको नष्ट करने के लिये सूर्य के समान है |

Bharat Ji's ultimate, holy conduct gives sonorous, beautiful pleasure. It effaces tough sins and troubles of Kalyuga. It is like the Sun for phantasm night.

No comments:

Post a Comment