Thursday, 7 May 2020

Naman karo sweekar putra ka,hey mata maharani

नमन करो स्वीकार पुत्र का हे माता महारानी, नमन करो स्वीकार पुत्र का राजा राम की रानी, रावण की लंका में सुनाऊ तुमको राम कहानी
कथा यह पुण्य प्रसंगा है [२] तन मन पावन करने वाली भगवत गुण गंगा है, राम कौशल्या ने जाये, मात कौशल्या ने जाये, त्रिभुवन तीनो भ्रात संग दशरथ के घर आये, भये प्रगट कृपाला दीन दयाला आनंद जग छाये
राम भरत लक्ष्मण शत्रुघ्न चारो कुमारो  ने गुरु वशिष्ठ से अल्प काल में ही सारी विद्याये सीख लीं
महाराज जनक की कन्या बनकर प्रगटी महालक्ष्मी सीता
आराध्य शम्भू का धनुष तोड़ सीता को रघुवर ने जीता
बन गए सिया वर राम चंद्र हुई सिया राम की परनीता
मिथिला और अयोध्या में जीवन कुछ दिन सुख से बीता
फिर श्री राम के राज तिलक की आयी तिथि वरदानी [२] रावण की लंका में सुनाऊ तुमको राम कहानी
मंथरा कैकयी की दासी [२] उसके कुचक्र ने अमावस में बदली पूरनमासी
सभी वर कैकयी ने मांगे, के दो वर दशरथ से मांगे, रखने को पिता का मान राम ने राजमहल त्यागे
वन चले राम सिया लखन कथा सुनलो माता आगे
चित्रकूट में भरत मिलाप हुआ, माता की करनी पे पुत्र को पश्चाताप हुआ
चित्रकूट से आ गए गोदावरी के तीर, राम लखन सिया आ गए गोदावरी के तीर, माया मृग को देख कर सीता हुई अधीर
राम मृग के पीछे धाये, स्वर्ण मृग के पीछे धाये, मारीच का था षड़यंत्र दूर रघुवर को ले जाये, माया मृग का षड़यंत्र दूर रघुवर को ले जाये
लाभ अवसर से उठाया है [२] रावण कर सीता हरण उन्हें लंका ले आया है, छल बल से करके हरण उन्हें लंका ले आया है
शत योजन पार कर, सुरसा सिंघिका लंकिनी को मारके ये राम दूत राम कृपा से तुम तक पहुंच पाया है
श्री राम शीघ्र सेना लेकर लंका में आने वाले हैं, रावण का वध कर सुर नर मुनि के कष्ट मिटने वाले हैं, ये दिवस प्रतीक्षा के माता धीरज से बिताने वाले हैं सन्मान सहित श्री राम संग तुमको ले जाने वाले हैं भेजी है मुद्रिका तुम्हारी परिचित और पहिचानी, भेजी है मुद्रिका तुम्हारी परिचित और पहिचानी
रावण की लंका में सुनाऊ तुमको राम कहानी

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