Thursday, 2 June 2016

Teri sharan pada hun mujhko to kya fikar hai by shri mridul krishna ji


तेरी शरण पड़ा हूँ मुझको तो क्या फिकर है () तेरा ही गीत गाउँ दूजा नहीं जिकर है ()
तेरी शरण पड़ा हूँ मुझको तो क्या फिकर है ()
जो दीखता जगत में, खाता है काल सबको () खाता है काल सबको
वह काल उनसे डरपे, जिसपे तेरी मेहर हो () तेरा ही गीत गाउँ दूजा नहीं जिकर है
तेरी शरण पड़ा हूँ मुझको तो क्या फिकर है ()
मैं हूँ सदा ही तेरा, बिन मोल का हूँ चेरा () बिन मोल का हूँ चेरा
कुछ भी करो करालो () मेरा नहीं उजर है () तेरा ही गीत गाउँ दूजा नहीं जिकर है
तेरी शरण पड़ा हूँ मुझको तो क्या फिकर है ()
[ दोनों हाथ उठाकर, ये शरणागत भाव है हाथ उठाना, प्रभु हम आपकी शरण में हैं| इसलिए जब जब मंदिर में जाएँ, बिहारी जी का दर्शन करें तो दोनों हाथ जरूर उठाइए, प्रभु मैं आपका हूँ ]
तेरी शरण पड़ा हूँ मुझको तो क्या फिकर है ()
व्यापक सभी जगत में, तुहि झलक रहा है () तुहि झलक रहा है
तुझको कोई जाने () पर, [ इसको कोई विरला ही जनता है ] सबकी तुझे खबर है ()
तेरा ही गीत गाउँ दूजा नहीं जिकर है
तेरा ही अंश हुँ मैं हक़दार तेरे दर का () हक़दार तेरे दर का
तेरी ही गोद में हुँ () अब किसी का डर है ()
तेरा ही गीत गाउँ दूजा नहीं जिकर है
तेरी शरण पड़ा हूँ मुझको तो क्या फिकर है ()
I am in your shelter, I don’t have any worry
I sing only your song, don’t have any other reference
The time eats all whoever is in the world but the time has fear of, whoever has your mercy
I am always yours and free servant; I will do whatever you want
You are in all over the world, nobody knows you but you know everything
I am your part and entitled with your home
I am in your lap and have no worry
I sing only your song, don’t have any other reference

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