जब मिले तार से तार क्यों न मिले कन्हैया, जब होवे सच्चा प्यार क्यों न मिले कन्हैया
क्यों ना मिले कन्हैया क्यों ना मिले कन्हैया, जब मिले तार से तार क्यों न मिले कन्हैया
चंचल मन को तू समझा ले, हरी चरणों में प्रीत लगा ले (२)
मन से तज ले अहंकार, क्यों ना मिले कन्हैया (२)
क्यों ना मिले कन्हैया क्यों ना मिले कन्हैया, जब मिले तार से तार क्यों न मिले कन्हैया
वन में बैठी शबरी माई (२) राम नाम की लगन लगाई (२) दिए दर्शन अवध कुमार, क्यों ना मिले कन्हैया (२)
क्यों ना मिले कन्हैया क्यों ना मिले कन्हैया, जब मिले तार से तार क्यों न मिले कन्हैया
जब होवे सच्चा प्यार क्यों न मिले कन्हैया
पिता ने जब प्रह्लाद सताया (२) उसने प्रभु का ध्यान लगाया (२) नरसिंघ लिया अवतार क्यों ना मिले कन्हैया (२)
क्यों ना मिले कन्हैया क्यों ना मिले कन्हैया, जब मिले तार से तार क्यों न मिले कन्हैया
दुर्योधन ने जाल बिछाया (२) अर्जुन शरण कृष्णा की आया (२) बने सारथी कृष्णा मुरार क्यों ना मिले कन्हैया (२)
क्यों ना मिले कन्हैया [ सोचो तो सही ] क्यों ना मिले कन्हैया, जब मिले तार से तार क्यों न मिले कन्हैया
जब होवे सच्चा प्यार क्यों न मिले कन्हैया
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