श्री कृष्ण कहते हैं: जिन्होंने अपना मन नहीं जीता वो निश्चय नहीं ले पाते और उस नालायक इंसान के मन में भावना भी नहीं होती तथा भावना के बिना इंसान को सुख कैसे मिल सकता है?
जैसे पानी में चलने वाली नाव को हवा मोड़ देती है वैसे ही विषयों में डूबा हुआ मन इस नालायक इंसान की बुद्धि को मोड़ देता है, इसलिए हे अर्जुन ! जिस इंसान का मन कामनाओ में और मोह में नहीं है उसका मन एक जगह रुका रहता है|
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