Sunday, 19 June 2016

Ye to prem ki baat hai uddho,bandgi tere bas ki nahi hai



ये तो प्रेम की बात है उधौ (२) बंदगी तेरे वश की नहीं है (२)
यहाँ सर दे के होते हैं सौदे (२) आशिकी इतनी सस्ती नहीं है (२)
ये तो प्रेम की बात है उधौ
प्रेम वालों ने कब वक्त पूंछा, उनकी पूजा में सुन ले ऐ उधौ (२)
यहाँ दम दम में होती है पूजा, सर झुकाने की फुर्सत नहीं है (२)
ये तो प्रेम की बात है उधौ
जो असल में हैं मस्ती में डूबे, उन्हें क्या परवाह जिंदगी की (२) 
जो उतरती है चढ़ती है मस्ती (२) वो हकीकत में मस्ती नहीं है (२)
ये तो प्रेम की बात है उधौ
जिनकी नज़रों में हैं श्याम प्यारे, वो तो रहते हैं जग से नियारे (२)
जिनकी नज़रों में मोहन समाये (२) वो नज़र फिर तरसती नहीं है (२)
ये तो प्रेम की बात है उधौ, बंदगी तेरे वश की नहीं है
यहाँ सर दे के होते हैं सौदे (२) आशिकी इतनी सस्ती नहीं है (२)
ये तो प्रेम की बात है उधौ (२)
उधौ सुधो है चल्यो सुन गोपिन के बोल (२) ज्ञान बजायी दुमदुमी और प्रेम बजायो ढोल
ये तो प्रेम की बात है उधौ (२) 

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