रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया [२] रघुकुल नंदन कब आओगे [२] शबरी की झोपड़िया
मैं भीलनी सबर की जाई भक्ति भाव नहीं जानू रे [२] राम तुम्हारे खातिर मैं तो वन में जीवन पालू रे
अब तो प्रभु जी मोहे दर्शन दे दो, के ले लो दासी की खबरिय। रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया
रोज सबेरे उठ कर मैं तो रस्ता साफ़ कर आती हूँ, अपने प्रभु के खातिर मैं तो चुन चुन के फल लाती हूँ
मीठे मीठे बेरन की भर लायी रे छपरिया, रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया
श्याम सलोनी सूरत मैं तो नयनन बीच बसाउंगी, प्रभु चरनन की रज धार सर पे चरनन शीश झुकाऊँगी
चरण कमल से निर्मल करदो दासी की झुपड़िया
रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया [२] रघुकुल नंदन कब आओगे [२] शबरी की झोपड़िया
मैं भीलनी सबर की जाई भक्ति भाव नहीं जानू रे [२] राम तुम्हारे खातिर मैं तो वन में जीवन पालू रे
अब तो प्रभु जी मोहे दर्शन दे दो, के ले लो दासी की खबरिय। रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया
रोज सबेरे उठ कर मैं तो रस्ता साफ़ कर आती हूँ, अपने प्रभु के खातिर मैं तो चुन चुन के फल लाती हूँ
मीठे मीठे बेरन की भर लायी रे छपरिया, रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया
श्याम सलोनी सूरत मैं तो नयनन बीच बसाउंगी, प्रभु चरनन की रज धार सर पे चरनन शीश झुकाऊँगी
चरण कमल से निर्मल करदो दासी की झुपड़िया
रामा रामा रटते रटते बीती रे उमरिया [२] रघुकुल नंदन कब आओगे [२] शबरी की झोपड़िया
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