बूटी हरी के नाम की सब को पिला के पी
पीने की है तमन्ना तो सबको पिला के पी [२]
ब्रम्हा ने चारो वेद की पुस्तक बना के पी [२]
शंकर ने अपने शीश पर [२] गंगा चढ़ा के पी
बूटी हरी के नाम की सब को पिला के पी
पीने की है तमन्ना तो सबको पिला के पी [२]
ब्रज गोपियों ने कृष्ण को माखन खिला पी [२]
शबरी ने झूठे बेर अपने [२] प्रभु को खिला के पी [२]
बूटी हरी के नाम की सब को पिला के पी
पीने की है तमन्ना तो सबको पिला के पी [२]
पृथ्वी का भार शेष ने सिर पर उठा के पी [२]
बाली ने चोट वान की [२] सीने पे खाके पी [२]
बूटी हरी के नाम की सब को पिला के पी
पीने की है तमन्ना तो सबको पिला के पी [२]
अर्जुन ने ज्ञान गीता का अमृत बना के पी [२]
मेने भी कृष्ण भक्तो को भागवत सुना के पी [२]
बूटी हरी के नाम की सब को पिला के पी
पीने की है तमन्ना तो सबको पिला के पी [२]
पीने की है तमन्ना तो सबको पिला के पी [२]
ब्रम्हा ने चारो वेद की पुस्तक बना के पी [२]
शंकर ने अपने शीश पर [२] गंगा चढ़ा के पी
बूटी हरी के नाम की सब को पिला के पी
पीने की है तमन्ना तो सबको पिला के पी [२]
ब्रज गोपियों ने कृष्ण को माखन खिला पी [२]
शबरी ने झूठे बेर अपने [२] प्रभु को खिला के पी [२]
बूटी हरी के नाम की सब को पिला के पी
पीने की है तमन्ना तो सबको पिला के पी [२]
पृथ्वी का भार शेष ने सिर पर उठा के पी [२]
बाली ने चोट वान की [२] सीने पे खाके पी [२]
बूटी हरी के नाम की सब को पिला के पी
पीने की है तमन्ना तो सबको पिला के पी [२]
अर्जुन ने ज्ञान गीता का अमृत बना के पी [२]
मेने भी कृष्ण भक्तो को भागवत सुना के पी [२]
बूटी हरी के नाम की सब को पिला के पी
पीने की है तमन्ना तो सबको पिला के पी [२]
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