श्याम से मिलने का सत्संग एक ठिकाना है, राम से मिलने का सत्संग एक ठिकाना है (२)
कृष्ण से प्रीत लगी, उनको भी निभाना है (२) श्याम से मिलने का सत्संग एक ठिकाना है (२)
[ ये एड्रेस है, भगवन से मिलने का यदि कोई पता है तो सत्संग है, भगवान की कथा है ]
सत्संग है एक अमृत सागर (२), जितना चाहो भर लो गागर (२) [ एक बात ध्यान रखना, ये बहुत पहले मैंने लगभग पच्चीस वर्ष पूर्व ये भजन लिखा था, भागवत के श्लोक पर ]
मुक्ति को पाना है [ यदि मुक्ति चाहते हो, प्रभु से मिलना चाहते हो ?] मुक्ति को पाना है सत्संग एक ठिकाना है (२)
[ सत्संग में, दो नदियां बहती हैं गंगा और यमुना, गंगा माने ज्ञान और यमुना याने भक्ति, कभी ज्ञान की चर्चा होती है तो कभी भक्ति की चर्चा होती है ]
ज्ञान भक्ति की बहती गंगा (२), कर्मयोग की मिलती दीक्षा (२) जीवन को बनाना है, यदि, जीवन को बनाना है, सत्संग एक ठिकाना है (२)
श्री राधे..... श्याम से मिलने का सत्संग एक ठिकाना....
[ हमारे मन में जो ये विकार हैं, काम है, क्रोध है लोभ है, मोह है, यदि इनको हम कम करना चाहें तो एक ही रास्ता है ]
काम क्रोध मद लोभ छुडावे (२) [ क्यूंकि कथा ही, सत्संग ही हमें बताती है की यदि सत्य है तो सिर्फ बांके बिहारी हैं, संसार तो झुटा है, ये तो सपने जैसा है, कभी हम सपना खुली आंखों से देखते हैं और कभी आंखें बंद करके, तो आंखे खोल के सपना देखो या बंद करके, सपना तो सपना ही है और ये संसार भी एक सपने जैसा है ]
काम क्रोध मद लोभ छुडावे, काम क्रोध मद मोह छुडावे (२) विषयों की आंधी से बचावे (२) यदि कुछ पाना है (२) सत्संग एक ठिकाना है (२)
श्याम से मिलने का सत्संग एक ठिकाना है (२) कृष्ण से प्रीत लगी, उनको भी निभाना है (२)
श्याम से मिलने का सत्संग एक ठिकाना है (२) कृष्ण से प्रीत लगी, उनको भी निभाना है (२)
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